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उपहार- लेखनी प्रतियोगिता -02-Apr-2022

उपहार आया देखो उपहार आया
बच्चो के मुँह पर मुस्कुराहट लाया।
खुशियों का संसार संग में लाया
बचपन को भी प्यारा बनाने आया।

उपहार ने किया प्यार का इजहार
इसमें छिपा मम्मी-पापा का प्यार
भैया का गुस्सा व दीदी का दुलार
दिल से जुडा होता है इसका तार।

उपहार होते हैं अत्यंत अनमोल
लगा न सके कोई इसका मोल
प्यार को दौलत से कैसे लें तौल
दिल की चाहत को देता है खोल।

उपहार दो दिल से न करो दिखावा
हो कोई रुमाल या सुंदर पहनावा
रिश्तों को मिठास पहनाता जामा
नहीं होता ये स्वार्थ का चढ़ावा।

आरव गोयल

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9 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

05-Apr-2022 12:00 AM

Very nice

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Shnaya

03-Apr-2022 02:42 PM

Very nice 👌

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Shrishti pandey

03-Apr-2022 01:30 PM

Very nice

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